राष्ट्रीय सेवा योजना
AKS University
27 Mar, 2024
नेतृत्व प्रशिक्षण विशेष इकाई सिविर ग्राम कचलोहा में
तृतीय दिवस कई कार्यक्रम संपन्न हुए।‘राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एकेएस विश्वविद्यालय सतना’ के नेतृत्व प्रशिक्षण विशेष इकाई शिविर के तृतीय दिवस में आज प्रभात फेरी की। रैली पटपरनाथ धाम हेतु निकल गई।जिसमें सभी स्वयंसेवकों ने उत्साह का परिचय प्रभात फेरी के दौरान गाए गए गीतों तथा लगाए गए नारों के माध्यम से दिया। ग्राम के मध्य से निकलती हुई तथा गीतों का उच्चारण करते हुए सभी शिविरार्थी पटपरनाथ धाम पहुंचे जहां पर सभी ने इस क्षेत्र को जीवन देने वाली जीवनदायनी अमर नदी की सफाई का कार्य किया, तथा मंदिर परिसर की सफाई में भी सहयोग किया | अमरन नदी की सफाई हेतु सभी शिवरात्रियों को समूह विभाजित कर दिया गया था | समूह के साथ सभी ने कार्य किया वहां पर समूह के द्वारा उनकी व्यक्तिगत कुछ तस्वीरें भी ली गई सफाई कर पूर्ण होने के पश्चात वहां पर व्यवस्थापक श्री चंदन अग्रवाल जी भी आए तथा उन्होंने कार्य का अवलोकन किया |अमरन- नदी के स्वच्छता कार्य के पश्चात मंदिर परिसर की भी सफाई का कार्य किया गया |इस कार्य हेतु मानव श्रृंखला का निर्माण कर एकता का प्रदर्शन किया गया |
प्रातः का स्वल्पाहार मंदिर परिसर में हुआ
इसके पश्चात सभी स्वयंसेवक शिविर स्थल पर आ गए तथा अग्रिम कार्रवाई की गई | यहां पर आकर सभी समूह होने अपने दायित्व का निर्वहन किया जैसे मंच सज्जा,भोजन व्यवस्था, परियोजना कार्य आदि | समय होने पर सभी स्वयंसेवकों ने स्नान करके भोजन तथा स्वाध्याय किया |बौद्धिक सत्र में आमंत्रित मुख्य अतिथि की भूमिका निभा रहे हैं श्री चंदन अग्रवाल द्वारा विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी गई जैसे- प्रकृति तथा मानव जीवन में काफी समानता है मानव शरीर पांच तत्वों से मिलकर बना है तथा प्रकृति में भी पांच तत्व होते हैं|
नदियों मानव की सभ्यता का विकास आधारशिला रही है
किंतु मानव ही नदियों के विनाश का कारण बना|अमरन नदी की पुनर्स्थापना का कार्य कैसे किया गया इस पर भी श्री चंदन अग्रवाल जी ने प्रकाश डाला|
जल ही जीवन है ,
जल को बनाया तो नहीं जा सकता, लेकिन इसका संरक्षण आवश्यक किया जा सकता है|
शरीर के सात स्तर होते हैं जिसमे शरीर,स्वस्थ, मन, बुद्धि, चित,अहंकार और ,आत्मा| शाम को जनसंपर्क में निर्धारित किए गए जनसंपर्क समूह द्वारा पास के ग्रामों में जाकर औपचारिक शिक्षा या नियमित रोजगार में नहीं रहने वाले युवाओं का सर्वेक्षण फॉर्म भरा गया, तथा इसका विवरण इकाई में प्रस्तुत किया गया | स्वयंसेवको द्वारा सांस्कृतिक संध्या में विभिन्न समूह के माध्यम से लोकगीत लोक,संस्कृति लोक कलाओं को मंच पर प्रदर्शित किया गया।